`कंपिल के बारे में जानकारी जिसका संबंध रामायण और महाभारत काल तथा जैन धर्म से है।
नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको कायमगंज तहसील में स्थित एक ऐसा तीर्थ स्थल के बारे में बताने जा रहा हूँ, जो दूर दूर तक बिख्यात है। उस प्रसिद्ध तीर्थस्थल का नाम 11 मंज़िला कंपिल मंदिर है। इस मंदिर का संबंध रामायण, महाभारत काल और जैन धर्म से है।
कंपिल क्षेत्र फ़र्रुखाबाद जिले में पड़ता है जिसकी तहसील कायमगंज है। यह एक पौराणिक तीर्थ स्थल है। कंपिल का प्राचीन नाम कांपिल्य हुआ करता था। वर्तमान में इसे कंपिल के नाम से जानते हैं। यह क्षेत्र जैन धर्म के तेहरवें तीर्थंकर भगवान श्री विमलनाथ का जन्मस्थल भी रहा है।
कंपिल हिन्दू एवं जैन धर्म की पौराणिक संस्क्रती व धरोहर को समेटे हुये है। जैन धर्म के लोग इस क्षेत्र को इतना मानते हैं, कि वे लोग इस क्षेत्र को कंपिल जी कहकर पुकारते हैं।
कंपिल तीर्थस्थल का संबंध सतयुग, द्वापरयुग, त्रेतायुग, व कलयुग इन चारों युगों से है, जैसे:
- जिनमें कपिल मुनि आश्रम का संबंध सतयुग से
- द्रौपदी कुंड, श्री कलेश्वर नाथ मंदिर का संबंध द्वापरयुग से
- रमेश्वरनाथ मंदिर का संबंध त्रेतायुग (रामायण काल ) से
- 11 मंजिल मंदिर या राधा कृष्ण मंदिर का संबंध कलयुग से है।
1 कंपिल में हिन्दू धर्म के प्रमुख मंदिर व तीर्थस्थल।
- श्री रामेश्वर नाथ मंदिर
- गीता ज्ञान मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, गीता ज्ञान आश्रम, 11 मंज़िला मंदिर
- कपिल मुनि का आश्रम
- द्रौपदी कुंड
- श्रीकालेश्वर नाथ मंदिर
1. श्री रामेश्वर नाथ मंदिर (Shree Rameshwar Nath Mandir)
कंपिल में रमेश्वरनाथ मंदिर सबसे श्रेष्ठ मंदिर है। इस मंदिर का संबंध रामायण से है। लोगों के कहे अनुसार जब श्री राम ने माता सीता को रावण से छुडाकर लंका पर जीत प्राप्त कर ली थी। उसके बाद प्रभु श्री राम शिवलिंग को लंका से अयोध्या ले आए थे। शिवलिंग को लाने के बाद प्रभु श्री राम ने अपने छोटे भाई शत्रुघन को शिवलिंग स्थापित करने को कहा उसके बाद शत्रुघन ने शिवलिंग को कांपिल्य में स्थापित किया। जिसे वर्तमान में कंपिल के नाम से जानते हैं।
2. गीता ज्ञान मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, गीता ज्ञान आश्रम, 11 मंज़िला मंदिर (Radha Krishna Mandir, 11 Manjil Mandir)
फर्रुखाबाद जिले के कंपिल में एक बहुत ही सुंदर और आकर्षित 11 मंजिल मंदिर स्थापित है, जो बहुत ही सुव्यवस्थित रुप से बनाया गया है। इस मंदिर को और भी नामों से जाना जाता है, जैसे गीता ज्ञान मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर और 11 मंजिला मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर का संबंध कलयुग से है, और इसके संस्थापक श्री देव नायका आचार्य महाराज जी हैं। इस मंदिर में 11 मंजिल इमारत है। हर मंजिल पर आपको अलग-अलग देवी-देवताओं के दर्शन करने को मिलेंगे।
राधा कृष्ण मंदिर के मुख्य गेट पर आपको हनुमान और भोलेनाथ के मंदिर में दर्शन करने को मिलेंगे। सबसे पहले हनुमान जी और भोले बाबा के दर्शन करें, इसके बाद राधा कृष्ण मंदिर 11 मंजिल के 11 खंडों की परिक्रमा करें। जब आप प्रथम खंड से परिक्रमा करेंगे तो आपको प्रथम खंड के भूगर्भ में माता सती के दर्शन करने को मिलेंगे। उसके बाद प्रथम खंड में सत्संग भवन देखेंगे और द्वितीय खंड में श्री राधा कृष्ण मंदिर के दर्शन करने को मिलेंगे और तृतीय खंड में श्री नरसिंह भगवान के दर्शन करने को मिलते हैं।
इसी तरह से आप सप्तम में खंड में मां दुर्गा अष्टम खंड में सरस्वती एवं नवम खंड में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है, और उसके बाद आपको श्री रामानुज स्वामी का बहुत बड़ा खंड मिलेगा, और आखिरी में आपको श्री लक्ष्मी नारायण खंड के दर्शन करने को मिलेंगे । दर्शन करने के बाद जब मंदिर के ऊपर से कंपिल क्षेत्र को देखेंगे, तो आपको बहुत सुंदर कंपिल क्षेत्र का नजारा देखने को मिलेगा।
3. कपिल मुनि का आश्रम (Kapil Muni Ka Ashram)
कपिल प्राचीन भारत के एक प्रभावशाली मुनि थे। उन्हें प्राचीन ऋषि के नाम से भी जाता हैकंपिल क्षेत्र में एक कपिल मुनि का आश्रम है। जहां पर कपिल मुनि ने तप किया था। कपिल मुनि के आश्रम का संबंध सतयुग से है
4. श्री कालेश्वर नाथ मंदिर (Shree Kaleshwar Nath Mandir)
ऐसा कहा जाता है श्री कालेश्वर नाथ मंदिर महाभारत काल में द्रोपदी और युधिष्ठिर द्वारा बनवाया गया था इस मंदिर के अंदर जो शिवलिंग है वह गड्ढे के अंदर है इस मंदिर में आपको अनेक प्राचीन प्रतिमाएं देखने को मिल जाएगी ।
5 द्रोपदी कुंड (Droupadi Kund )
द्रौपदी कुंड कपिल मुनि आश्रम के समीप में ही स्थित है। इस कुंड का संबंध महाभारत काल से है। पहले कंपिल नगर पांचाल प्रदेश का एक नगर हुआ करता था। जहां के राजा द्रुपद हुआ करते थे। राजा द्रुपद के कोई संतान नहीं थी। तो उन्होने संतान प्राप्त करने के लिए हवन किया था। जिसके फल स्वरूप हवन कुंड से दो संतान प्राप्त हुई थी। जिनमें से एक का नाम ध्रश्ट्धुंन और दूसरी का नाम द्रौपदी था। द्रौपदी के नाम से ही इस कुंड का नाम द्रौपदी कुंड पड़ा।
2 कंपिल में जैन धर्म मंदिर (Kampil Mein Jain Mandir)
इस मंदिर का संबंध जैन धर्म के लोगों से है जैन धर्म के लोग इसे कंपिल जी कहकर पुकारते थे। कंपिल क्षेत्र में जैन धर्म के 13 तीर्थंकर भगवान विमलनाथ जी के चार कल्याणपुर हुए थे। यह चार कल्याणक क्रमशः गर्भ जन्म तक और ज्ञान है जिसकी वजह से है स्थल बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हुआ।
इसके साथ जैन धर्म लोगों का यह एक पवित्र स्थल है। जैन धर्म के तेहरवें (13 वें) तीर्थंकर भगवान विमलनाथ के चार कल्याणक गर्भ, जन्म, ताप, व ज्ञान यहाँ पूर्ण हुये थे।
कंपिल में जैन धर्म के प्रमुख मंदिर ।
- भगवान विमलनाथ का मंदिर
- दिगंबर जैन मंदिर
- श्री श्वेतांबर मंदिर
1. भगवान विमलनाथ का मंदिर (Bhagwan Vimalnath Ka Mandir )
दिगंबर जैन मंदिर बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। दिगंबर जैन मंदिर में पेंटिंग्स के जरिये भगवान विमलनाथ के चारों अवस्था गर्भ, जन्म, तप, और ज्ञान को दिखाया गया है। 1400 साल पुराना यह मंदिर गंगा नदी से प्राप्त श्याम वर्ण की प्रतिमा शुसोभित है। इस मंदिर में दर्शन के लिए बहुत सारी प्रतिमाएँ स्थापित हैं। यहाँ पर रुकने के लिए इस मंदिर में धर्मशाला भी है, जिसमें आप रुक सकते हैं।
2. दिगंबर जैन मंदिर (Digambar Jain Mandir)
दिगंबर जैन मंदिर बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। दिगंबर जैन मंदिर मैं पेंटिंग के जरिए से भगवान विमलनाथ के चारों अवस्था गर्म जन्म कब और ज्ञान को दिखाया गया है। 14 साल पुराना यह मंदिर नदी से प्राप्त श्याम बर्ड की प्रतिमा सुशोभित है। इस मंदिर के दर्शन की बहुत बहुत सारी प्रतिमाएं स्थापित रुकने के लिए धर्मशाला भी है, जिसमें आप रुक भी सकते हैं।
3. श्री श्वेतांबर मंदिर (Shree Shwetambar Mandir)
श्री श्वेतांबर मंदिर दिगंबर जैन मंदिर के निकट पर ही बना हुआ है। स्वेतांबर जैन मंदिर बहुत ही सुंदर भव्य रुप से बनाया हुआ है। यह मंदिर जैन धर्म के लोगों से संबंधित है। इस मंदिर का निर्माण 1950 में हुआ था।
फर्रुखाबाद में कंपिल तीर्थ स्थल पर कैसे पहुंचे?
जिला फर्रुखाबाद रोड नेटवर्क व रेल नेटवर्क से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। फर्रुखाबाद में आपको किसी भी तीर्थ स्थल पर जाने के लिए किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कंपिल फर्रुखाबाद का एक क्षेत्र है। एटा, मैनपुरी व बदायूं जिले भी कंपिल क्षेत्र के पास ही स्थित है।
यदि आप एटा जिले से जा रहे हैं तो आपको अलीगंज रोड से जाना पड़ेगा। एटा से कंपिल की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है।
यदि आप बदायूं जिले की तरफ से जा रहे हैं, तो आपको स्टेट हाईवे 43 ( SH43 ) रोड से जाना पड़ेगा।
और अगर आप आगरा कानपुर लखनऊ बरेली क्षेत्र से कंपिल आना चाहते हैं, तो उसके लिए आप रोडवेज और ट्रेन दोनों से आ सकते हैं।
यदि आपको ट्रेन में घूमना पसंद है, तो आप ट्रेन से पहुँच सकते हैं, इसके लिए आपको कंपिल क्षेत्र के नजदीकी रेलवे स्टेशन कायमगंज आ सकते हैं। यदि आपके शहर से कायमगंज के लिए कोई ट्रेन नहीं है तो आप फर्रुखाबाद मैनपुरी आगरा तक ट्रेन से आ सकते हैं।
यदि आपके पास पर्याप्त बजट है , हवाई यात्रा करने के लिए तो आप हवाई जहाज से कंपिल सकते हैं। हवाई जहाज से आने पर आपको नजदीकी एयरपोर्ट आगरा कानपुर लखनऊ पर आना है, इसके बाद आप ट्रेन या रोडबेज से कंपिल आ सकते हो।
FAQs:
प्रश्न 1. कंपिल तीर्थस्थल भारत के किस राज्य में पड़ता है?
उत्तर: कंपिल तीर्थस्थल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में पड़ता है।
प्रश्न 2. कंपिल उत्तर प्रदेश राज्य के किस जिले पड़ता है?
उत्तर: कंपिल उत्तर प्रदेश राज्य के फ़र्रुखाबाद जिले में पड़ता है।
प्रश्न 3. कंपिल तीर्थस्थल फ़र्रुखाबाद के किस तहसील में पड़ता है?
उत्तर: कंपिल तीर्थस्थल फ़र्रुखाबाद के कायमगंज तहसील में पड़ता है।
प्रश्न 4. 11 मंजिल मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर किस समय व किस युग से संबन्धित है?
उत्तर: राधा कृष्ण मंदिर महाभारत के समय से तथा कलयुग से संबन्धित है।
प्रश्न 5. कंपिल में किन किन धर्म के मंदिर हैं?
उत्तर: कंपिल में हिन्दू व जैन धर्म के मंदिर हैं।
प्रश्न 6. जैन धर्म के लोग इस तीर्थस्थल को क्या कहकर पुकारते हैं?
उत्तर: जैन धर्म के लोग इस तीर्थस्थल को कंपिल जी कहकर पुकारते है।
प्रश्न 7. भगवान विमलनाथ की जन्मस्थाली कहाँ पर है?
उत्तर: भगवान विमलनाथ की जन्मस्थली कंपिल में है।
प्रश्न 8. कंपिल का संबंध किन किन युगों से रहा है?
उत्तर: कंपिल का संबंध सतयुग, द्वापरयुग, त्रेतायुग, और कलयुग चारों युगों से है।
प्रश्न 9. कंपिल में श्री श्वेतांबर मंदिर का निर्माण कब हुआ था?
उत्तर: कंपिल में श्री श्वेतांबर मंदिर का निर्माण 1950 में हुआ था।
प्रश्न 10. महाभारत काल में कंपिल का राजा कौन थे?
उत्तर: महाभारत काल में कंपिल के राजा राजा द्रौपद थे।
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निष्कर्ष
इस आर्टिक्ल में आपको हिन्दू व जैन धर्म के मंदिर तीर्थस्थल के बारे मे जानकारी मिली है, जैसे कंपिल का 11 मंजिल मंदिर, श्री कालेश्वर नाथ मंदिर, श्री श्वेतांबर नाथ मंदिर, द्रौपदी कुंड,आदि। इसके साथ ही आपको इन मंदिरों तक पहुँचने का रास्ता भी बताया गया है। आप सभी लोगों को एक बार कंपिल के इन मंदिरों में जरूर जाना चाहिए, और अपनी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण करें।
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